दुनिया में जो बदलाव लाना चाहते हैं पहले वह खुद में लाइये' गांधी जी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर पर गांधीजी के चित्र या मूर्ति पर कुछ पुष्प अर्पित कर हम उन्हे याद करते हैं। उनकी 150वीं जयंती पर देश-विदेश में सोशल मीडिया पर कई जगह आयोजन होते रहे हैं। उनके गुणों के बखान, उनकी अहिंसा के सिद्धांत की महत्ता और उनके सादगी भरे जीवन पर लेख आलेख निबंध भाषण होते हैं, लेकिन आज गहराई से मनन करना और अपने जीवन में उनके आदर्शों को उतारना ही इस बात की पुष्टि करेगा कि हमने अपने प्यारे बापू को वास्तव में भुलाया नहीं है। गांधीजी राष्ट्रीय चेतना को एक दिशा देने में कैसे कामयाब हुए, आज वर्तमान परिवेश जहां छल कपट दिखावा को ही अंगीकृत कर रहा है, जहां आज भी भारतीय अशिक्षित जनता सही गलत की पहचान करने में असमर्थ है, महात्मा गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।